- …………..में सब खिलौने ले रहे थे ।
उत्तर : मेले
- नरेन्द्र के पास कितने रूपये थे ?
उत्तर : नरेन्द्र के पास कुल दस रूपए थे ।
- नरेन्द्र ने क्या खरीदा ?
उत्तर : शिवलिंग
- लड़का क्यों रो रहा था ?
उत्तर : लड़के के पास एक चवन्नी थी, जो कहीं गिर गई । अगर वह नहीं मिली तो लड़के की माँ उसे बहुत पीटेगी । इसलिए लड़का रो रहा था ।
- नरेन्द्र ने लड़के को क्या दिया ?
उत्तर : चवन्नी
- नरेन्द्र से क्या टूटा ? कैसे ?
उत्तर : नरेन्द्र के हाथ से गिरकर शिवलिंग टूट गया । एक छोटा-सा बच्चा मोटर से बेखकर चला जा रहा था । उसे बचाने में शिवलिंग टूट गया ।
- बच्चे को बचाने में देरी होती तो क्या होता ?
उत्तर : यदि बच्चे को बचाने में देरी हो जाती तो वह मोटर के नीचे आ जाता और घायल हो जाता ।
- …………..से अधिक महत्त्वपूर्ण व्यक्ति का जीवन है ।
उत्तर : वस्तु
- नरेन्द्र बड़ा होकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ ?
उत्तर : नरेन्द्र बड़ा होकर ‘स्वामी विवेकानंद’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ ।
- पूना के……………..में समारोह हो रहा था ।
उत्तर : न्यु इंग्लिश हाईस्कूल
- स्वयंसेवक को क्या कर्तव्य-भार सौंपा था ?
उत्तर : स्वयंसेवक को आनेवाले अतिरियों के निमंत्रणपत्र देखकर उन्हें सभा-स्थल पर यथा स्थान बिठा देने का कर्तवय-भार सौंपा गया था ।
- समारोह के मुख्य अतिथि कौन थे ?
उत्तर : समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य न्यायधीश महादेव गोंविद रानड़े थे ।
- रानड़े को किसने रोका ? क्यों ?
उत्तर : रानड़े को द्वार पर उपस्थित स्वयंसेवक ने रोका । क्योंकि उसे जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह जिनके पास निमंत्रणपत्र है, उन्हीं अतिथियों को प्रवेश दे । रानड़े समारोह के मुख्य अतिथि थे, परंतु उनके पास निमंत्रणपत्र नहीं था ।
- द्वार पर रानड़े को देखकर स्वागत-समिति के सदस्यों ने क्या किया?
उत्तर : द्वार पर रानड़े को देखकर स्वागत-समिति के कई सदस्य आ गए और उन्हें मंच की और ले जाने का प्रयास करने लगे ।
- मुख्य-अतिथि को द्वार पर ही रोक देना सही था ? क्यों ?
उत्तर : समारोह में प्रवेश के नियमानुसार उन्हीं को प्रवेश दिया जाता था जिसके पास निमंत्रणपत्र हो । मुख्य अतिथि सम्माननीय व्यक्ति भले ही थे, परंतु उनके पास निमंत्रणपत्र नहीं था । इसलिए नियमानुसार उन्हें द्वार पर रोक देना सही था ।
- स्वयंसेवक आगे चलकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ ?
उत्तर : स्वयंसेवक आगे चलकर गोपल कृष्ण गोखले के नाम से प्रसिद्ध हुआ ।
- अहमदाबाद में किस टीम का क्रिकेट मैच चल रहा था ?
उत्तर :अन्डर फोर्टीन
- सुबह उठते ही पूरी टीम कोच-मैनेजर के साथ………………के लिए तैयार थी ।
उत्तर : अल्पाहार
- अल्पाहार के समय कौन नहीं दिखाई दे रहा था ?
उत्तर : अल्पाहार के समय टीम का कप्तान नहीं दिखाई दे रहा था ।
- कोच, मैनेजर और साथी खिलाड़ी क्यों दंग रह गए ?
उत्तर : अल्पाहार के समय कप्तान के दिखाई न देने पर जब पूरी टीम उन्हें ढूँढते हुए उसके कमरे में गई तो वह एक हाथ से गेंद दीवार पर फेंक रहा था और जब वह टकराकर वापस आती तो दूसरे हाथ से बल्ले से उसे खेलता था । क्रिकेट के प्रति उसका लगाव देख सभी दंग रह गए ।
- क्रिकेट की दुनिया में नित गए कीर्तिमान किसने स्थापित किए ?
उत्तर : क्रिकेट की दुनिया में नित गए कीर्तिमान सचिन रमेश तेंटुलकर ने स्थापित किए ।
- सचिन तेंदुलकर ने अपनी सफलता का क्या रहस्य बताया ?
उत्तर : सचिन तेंदुलकरने अपनी सफलता का रहस्य बताते हुए कहा – ‘‘में हर मैच तीन बार खेलता हूँ । पहले अभ्यास के रूप में, दूसरी बार सचमुच मैदान में तथापि मैच के बाद मूल्यांकन व सुधार – आवश्यकता के रूपमें ।’’
- सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर : सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है ।
- हजरत अली…………….के खज़ाने की जाँच करने गये ।
उत्तर : राज
- हजरत अली से मिलने कौन आए थे ?
उत्तर : हजरत अली से मिलने दो सरदार अपने नीजी काम के लिए आए थे ।
- सरदारों को क्या देखकर आश्चर्य हुआ ?
उत्तर : सरदारों को यह देखकर आश्वर्य हुआ कि हजरत अली ने जली हुई मोमबत्ती बुझाकर मेज़ के खाने से निकालकर दुसरी मोमबत्ती जलाई ।
- हजरत अलीने एक मोमबत्ती बुझाकर दुसरी मोमबत्ती क्यों जलाई ?
उत्तर : हजरत अली राज का काम कर रहे थे । इसलिए उन्होंने राज की मोमबत्ती चला रखी थी । जब वे निजी काम करने लगे तो उसे बुझाकर उन्होंने अपनी मोमबत्ती जालई । इस प्रकार चोरी और हरामखोरी से बचने के लिए उन्होंने दुसरी मोमबत्ती जलाई ।
- हर एक आदमी को किससे बचकर चलना चाहिए ?
उत्तर : चोरी और लापरवाही
- राजकाज का काम कैसे अच्छी तरह से चल सकता है ?
उत्तर : जब लोग हजरत अली की तरह प्रामाणिकता से काम करेंगे, तो राजकाब का काम अच्छी तरह से चल सकता है ।
- हमारे पुरखों ने क्या कहा है ?
उत्तर : हमारे पुरखों ने कहा है : ‘‘मा गृध: कस्यस्विद्धनम्’’ – किसी के धन-माल की लालसा मत करो ।
- सफल होने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर : सफल होने के लिए हमें लक्ष्य के प्रति लापरवाही न करते हुए एकाग्रता से अविरत अभ्यास और कठोर परिश्रम करना चाहिए । अपनी कमियों को अधिक अभ्यास द्वारा दूर करना चाहिए ।
- आप किसको प्रामाणिक इन्सान कहते हैं ?
उत्तर :हम उसे प्रामाणिक इन्सान कहते हैं जो इन्सान अपनी महेनत की कमाई के अलावा अन्य किसी धन का उपयोग न करें । दूसरों का हक न छीने ।
- निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
(1) नुकशान ……………..
उत्तर : लाभ
(2) अंदर ……………..
उत्तर : बाहर
(3) धनवान ……………..
उत्तर : निर्धन
(4) जीवन ……………..
उत्तर : मृत्यु
(5) अमीर ……………..
उत्तर : गरीब
(6) सफलता ……………..
उत्तर : असफलता
(7) प्रसिद्ध ……………..
उत्तर : अप्रसिद्ध
(8) श्रीमान ……………..
उत्तर : श्रीमती
(9) अँधेरा ……………..
उत्तर : उजाला
- निम्नलिखित वाक्यों में से ‘परिमाणवाचक विशेषण’ को छाँटकर लिखिए :
(1) दो मीटर कपड़ा दीजिए ।
उत्तर : दो मीटर
(2) दिनेश ने बहुत मिठाई खाई ।
उत्तर : बहुत
(3) राधा ने चाय में थोड़ा दूध डाला ।
उत्तर : थोड़ा
(4) मीना ने एक किलो हल्दी ली ।
उत्तर : एक किलो
- समानार्थी शब्दों की जोड़ बनाइए :
विभाग अ | विभाग ब |
1. कामयाबी | 1. धनवान |
2. अमीर | 2. परीक्षण |
3. जाँच | 3. प्रसिद्ध |
4. विख्यात | 4. सफलता |
5. ख़याल | 5. हानि |
6. नुकशान | 6. विचार |
उत्तर |
1. – 4 |
2. – 1 |
3. – 2 |
4. – 3 |
5. – 6 |
6. – 5 |
- निम्नलिखित वाक्यों में से ‘सर्वनामिक विशेषण‘ को अलग छाँटकर लिखिए :
(1) वे लड़के खेल रहे थे ।
उत्तर : वे
(2) तुम्हारा काम पूरा हो गया ।
उत्तर : तुम्हारा
(3) यह पेन्सिल हिरल की है ।
उत्तर : यह
(4) वह लड़का पढ़ रहा है ।
उत्तर : वह
(5) सरला को कोई खिलौने दो ।
उत्तर : कोई
- निम्नलिखित वाक्यों का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
(1) मेले में सब खिलौने ले रहे थे ।
उत्तर : મેળામાં સૌ રમકડાં ખરીદી રહ્યાં હતાં.
(2) एक दिन हजरत अली राज के खज़ाने की जाँच करने गये ।
उत्तर : એક દિવસ હજરત અલી રાજ્યના ખજાનાની તપાસ કરવા ગયા.
(3) मानवता सबसे ऊपर है ।
उत्तर : માનવતા સૌથી શ્રેષ્ઠ છે.
(4) सचिन तेंदूलकर ने क्रिकेट जगत में अद्वितीय सफलता प्राप्त की ।
उत्तर : સચિન તેંદુલકરે ક્રિકેટ જગતમાં અદ્રિતીય સફળતા પ્રાપ્ત કરી.
- ‘सचिन तेंदुलकर’ पर अपनी नोटबुक में निबंध लिखिए ।
उत्तर :
‘सचिन तेंदुलकर’ का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर हैं । उनका जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में दुआ था । उनके पिता का नाम रमेश तेंदुलकर हैं । सचिन तेंदुलकर का विवाह अंजलि तेंदुलकर से हुआ था । सचिन के दो बच्चे हैं – सारा और अर्जुन ।
सचिन तेंदुलकर ने सन् 1989 में मात्र 16 वर्ष की उम्र में आंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश के बाद बल्लेबाजी में कोई रॅकोर्ड स्थापित किए हैं । उन्हों टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक किए हैं । वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं ।
दिसंबर 2012 में उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा की । ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट से उन्होने अक्टूबर 2012 में सन्यास लिया । 16 नवम्बर 2013 में उन्होंने अपना आखिरीं मैच खेला जो कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ वह उनका 200 वाँ मैच था ।
सचिन तेंदुलकर को 1934 में अर्जुन अवॉर्ड, 1997 में राजीन गाँधी खेल रत्न, 1999 में पद्मश्री और 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया । 16 नवंबर, 2013 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न दिए जाने का फैसला किया गया, जो अब सबसे कम उम्र वाले को और एक खिलाड़ी को दिया गया ।
सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी है और विश्वभर में उनके प्रशंसक हैं । उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं, जिनमे सबसे प्रचलित ‘लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर’ हैं । अतत: सचिन तेंदुलकर के बारे में यही कहना उचित होगा कि धरती पर ऐसे होनहार यदा कदा ही जन्म लेते हैं । सचिन तेंदुलकरे निश्चित ही भारत का गौरव है ।